सोमनाथ मंदिल कहा है और इसका इतिहास क्या है ?

सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir)





सोमनाथ मंदिर कहा है और इसका इतिहास क्या है ?

भगवान शिव के ज्योतिलिंग जो गुजरात में इस्तित है,

12 ज्योत्रिलिगो में प्रथम ज्योतिलिंग माँन जाया जाता है,

इस लिए इसकी मान्यता ज्यादा डी गयी है l यह मंदिल हिदू धर्म के पार्तिक है l इतिहास में इसको कई बार तोडा गया , लेकिन भारत के आजाद होने के बाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस मंदिल को पुनह बनबाया l भारत के राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जी ने इसे 1955 को राष्ट को समर्पित किये ,

इस मंदिल को किई एक बार तोडा गया था कई बार इसका पुनह निर्माण किया गया ,दुतीय बार मांदिल का निर्माण सातवी सदी के राजा वल्लभी के मैत्रक राजाओ के द्बारा किया गया था l

आठवी सदी में सिंध प्रान्त के अरबी गवर्नर जुनाय्क ने इस मंदिल को नस्ट किया l फिर से इस मंदिल का निर्माण गुर्जर पर्तिहार राजा नाग भट ने ८१५ इसवी में किया l इसका निर्माण तिसृबार किया गया इस मंदिल के बारे में लोग दूर दूर तक देसों में जानते है l महमूद गजनी ने इस मंदिल को 17 बार लुटा था ,यहा से कापी मात्र में सोना चांदी ले गया था l लुटने के बाद में इस मंदिल को तोड़ भी दिया था ,इस मंदिल की इस दसा को अरब के यात्री अल -बरुनी ने अपने लिख कर महमूद गजनबी को बताया की यहा कितना सम्पति है ,जिस समय गजनी मंदिल पर हमला किया उसी समय मंदिल में पूजा कर रहे 50000 लोगो का क़त्ल कर दिया गया l

मंदिल की इस हालह को देख कर गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोग ने इसको फीर से बनबाया l कुछ मुगलों ने जब गुजरात पर राज करने गया तो फिर से इसको ध्वस्त किया यह पर्किरिया पाचवी बार हो चूका था l मुगल शाशक शाहजहा का पुत्र औरंगजेब ने  (1706 ) कुछ शिपाहियो को भेज कर पुनह इस मंदिल को नस्ट कर दिया l खा जाता है की जब महमूद गजनी इस मंदिल पर हमला किया था तब यह की शिव लीग को तोड़ फोस कर यहां की दरबाजा को भी लुट कर ले गया था ,इस दरबाजा को आगरा के किले में रखा है  l


भारत के स्वंत्रता के बाद सोमनाथ मंदिल का निर्माण किसने किया ?

भारत के प्रथम  उपप्रधान मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ऐलान किया की इसका पुनह निर्माण किया जाये ,पर इस बात को जब नेहरु जी जाने तो वह बोले की हिन्दू पुनरुथान है l वह इस मंदिल का बिरोध करने लगे l पर व्ल्ल्भाई पटेल ने कहा की यह पूण्य पबित्र कार्य है यह दरसनीय स्थल है l इस मंदिल का नीरमान किया गया l


सोमनाथ मंदिल की पैरानिक कथा  ?

पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है की इसी स्थल पर राजा दक्षप्रजापति के 27 कन्यायो का विवाह चन्द्र से  किया था l लेकिन उनमे से एक को ही वह मानता था वाकियो कन्यायो पर क्रोधित हुआ करता था lजब इस वाट का पता दक्ष प्रजापति को चला तो वह क्रोधित हो कर चन्द्र को श्राप दिए की हर रोज तुम्हारा तेज क्षीण होता रहेगा lशाप से वहबहुत दुखी हुए ,उन्हें कुछ समझ में नही आरहा था l फिर वह शिव् के चरणों में गये और उनका उपासना तप किये l शिव ने खुश होकर उन्हें शार्प से मुक्त किया l उस जगह पर चन्द्र ने शिव की अस्थापना किया और उस जगह का नाम सोमनाथ रखा l


महाभारत् काल में एक वार क्षी क्षीकुसन उस अस्थान पर आराम कर रहे थे तभी वहा एक शिकारी आया उनके ऊपर शिकार शमझ कर तीर चला दिया ,भगबान अपना सरीर त्याग दिए और वैकुण्ठ चले गये lसोमनाथ मंदिल को त्रिर्बेनी महासंगम पर इस्तित है l यहां से तिन नदिया गुजरती है जिसका नाम हिरनी नदी , कपिला नदी ,सरस्वती नदी तीनो नदिया का बिसाल संगम है lइसका उलेख त्रिन्ग्वेद में मिलता है स्वय चंद्देव ने किया है l

यहा की मेंन खासियत यह है की जब आप शाम में 7.30 बजे से लेकर 8.30 बजे तक लाईट और साउंड सो होता है , इसमें इतिहास को काफी सुन्दरता से व्याख्या करता है l

 



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