नालंदा यूनिवर्सिटी हिस्ट्री , नालंदा विश्वविद्यालय किस लिए विश्व प्रसिद्ध था ?

   नालन्दा विश्वविद्यालय  (यूनिवर्सिटी )

Nalanda University नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के सर्वप्रथम विश्विविघाल्यो  में से एक है l इसकी स्थापना 5वि शताब्दी इ.पु में हुई थी l बताया जाता है की महात्मा बुध ने भी अपने जीवनकाल के दौरान इसकी यात्रा की थी l 7वि शताब्दी इ पु . में अपने चर्मोकार्स पर इस विश्वविद्यालय में लगभग 10 हजार छात्रों को लगभग 2 हजार अध्यापक द  आरा शिक्षा दी जाती थी l उस समय चीनी विद्बान झुयान जंग ने भी इस गुप्त शासक कुमारगुप्त के शासनकाल के दौरान हुई थी l





पुनरुत्थान 

नालंदा विश्वविद्यालय का जन्म कैसे हुआ ?

नालन्दा के विनाश के 800 वर्ष बाद ,भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुलकलाम दारआ मार्च ,2006 में बिहार राज्य दौरान नालन्दा को पुनर्जीवित का बिचार किया गया ,

नालन्दा (बिहार ) के पास राजगीर में सिथ्त है l 

स्कूल विभाजन

वर्तमान में तिन स्कुल स्थापित किये गए है

·     स्कुल ऑफ़ हिस्टारिकल स्टडी

·     स्कुल ऑफ़ लैंवेस एंड लिट्रेचर

·     सकू ऑफ़ बिजनेस मैनेजमेंट

·     स्कुल ऑफ़ इन्तार्नेस्नल रिलेसन एंड पिस स्टडी

 

नालंदा विश्वविद्यालय कहाँ पर है ?

नालन्दा जिला

नालन्दा भारत के पाराचिन विस्विद्याल्ये है l यह नालन्दा जिला में उपस्तित है ,जिसका मुख्यालय बिहार सरीफ है ,नालन्दा अपने पाराचिन इतिहास के लिए विश्व परसिद है ,नालन्दा विस्विद्यल के अब्सेस आज भी मैजूद है ,यहाँ विश्व के कोने कोने से छात्र विद्या ग्रहण करने आया किया करते थे l नालन्दा विस्विद्याले का निर्माण कुमार गुप्त ने की थी ,कुमार गुप्त विक्रमादित के पुत्र थे l

 


नालंदा विश्वविद्यालय किस लिए विश्व प्रसिद्ध था ?


यहा महावीर कई बार नालन्दा में रहे थे , महावीर के मुत्यु पावापुरी में हुई थि l नालन्दा में कई गर्म पानी के झरने भी उपस्थित है l लोग का मानना है की इस झरने में नहाने से चर्म रोग भी ठीक हो जाती है .इस पानी में गन्धक मैजूद है ,जो जोड़ो के दर्द में राहत देता है ,नालन्दा विस्विद्याल में अव्सेस ,संग्रहाले ,नव नालन्दा महाबीर तथा हेन्ग्सा मेमोरियल हौल भी है ,यहा आस पास में भी बहुत पर्यत अस्थल है l राजगीर पपपुरी बोध गया यह सब पास में ही उपस्तित है ,यह खूबसूरती का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है ,

परसिद हेन्ग्संग जो चीन का रहने बाला था ,बह 7वि शताब्दी में यहाँ एक साल विताया था , हेन्ग्सग जो एक चीन का रहने बाला था ,वह हर्स्बर्धं के काल में आया था ,

कुण्ड

राजा बिमिबिसार ने यहा पे कुण्ड का निर्माण किया जिसमे ब्रहकुण्ड ,सरस्बती कुण्ड और लंगटे कुण्ड यहाँ पर है ,

मंदिर

यहा पर कई बिदेसी मंदिर भी है ,चीन मंदिल ,जापान मंदिल आदि ,

यह मंदिल बिहार सरीफ के पुल पर है ,

विवरण        :       मुख्यालय

विसेस विवरण  :        बिहार सरीफ

फैलाव         :       2,367 वर्ग किमी

जनसंख्या      :       पुरुष; 12,367 ,467

                     महिला ;11,31,860

वर्ग बिस्तर     :       1006 प्रति वर्ग किमी

अनुमंडल       :    बिहार शरीफ ,हिलसा राजगीर

कृषई          :     धानकी खेती ,प्याज आलू इत्यादि

अनुमंडल ,अंचल और राजस्व गाव

कर्मांक     :     1

अनुमंडल   :      बिहार शरीफ

अंचल      :     7

हल्का      :      51

राज्स्व ग्रामीणों की संख्या :          429

क्रमांक     :      2

अनुमंडल   :      हिलसा

हल्का      :      22

राजस्व     :      गार्मो की संख्य      

 

 

 

 

   

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